चेन्नई:
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की त्वरित राजनीतिक प्रतिक्रिया ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियाँ बटोरीं। लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक देर रात पारित होने के महज़ आठ घंटे के भीतर, मुख्यमंत्री स्टालिन ने तीन निर्णायक कदम उठाए — विधानसभा में विरोध प्रस्ताव पारित किया, काली पट्टी पहनकर विरोध दर्ज कराया और सर्वोच्च न्यायालय में विधेयक के खिलाफ याचिका दायर करने की घोषणा की।
क्या है पूरा मामला?
2 अप्रैल को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक को संसदीय समिति की समीक्षा के बाद लोकसभा में फिर से पेश किया। डीएमके सांसदों ने इसे मुस्लिम समुदाय के लिए हानिकारक बताते हुए पूरे दिन विरोध किया।
लंबी बहस के बाद, यह विधेयक 3 अप्रैल की रात 1:45 बजे पारित हुआ। 288 सांसदों ने समर्थन में जबकि 232 ने विरोध में मतदान किया।
मुख्यमंत्री की मध्यरात्रि सक्रियता
जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री स्टालिन पूरी रात विधेयक की प्रगति पर नज़र बनाए हुए थे। जैसे ही उन्होंने देखा कि टीडीपी और जेडीयू का समर्थन मिलने के बाद विधेयक पारित हुआ है, उन्होंने रात 2 बजे मंत्री ई.वी. वेलु को फोन कर निर्देश दिया:
“संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पास हो गया है। कल विधानसभा में इसका विरोध करना होगा। सभी को काली पट्टी पहननी चाहिए। आवश्यक तैयारियाँ कीजिए।”
सुबह 7:30 तक तैयार हो गया विरोध
सुबह 6 बजे मंत्री वेलु ने काली पट्टियों की उपलब्धता की जाँच की। जब पुराने स्टॉक न मिलने की संभावना दिखी, तो उन्होंने अपने स्टाफ से फैंसी स्टोर से काले रिबन मंगवाए।
सुबह 7:30 बजे तक रिबन पहुँच गया और महज़ 45 मिनट में सभी विधायकों के लिए काली पट्टियाँ तैयार कर दी गईं।
विधानसभा सत्र के दौरान सभी डीएमके और सहयोगी दलों के विधायक काली पट्टी पहनकर पहुँचे। मुख्यमंत्री स्टालिन ने न केवल विधेयक की कड़ी आलोचना की, बल्कि यह भी घोषणा की कि तमिलनाडु सरकार सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर करेगी — और उसी दिन यानी 3 अप्रैल को यह कदम उठाया गया।
नेतृत्व की तेज़ी बनी चर्चा का विषय
एक ही रात में संसद में पारित हुए विधेयक पर इतने कम समय में राज्य स्तर पर इतना ठोस विरोध दर्ज कराने वाले मुख्यमंत्री स्टालिन की राजनीतिक सक्रियता ने सबको चौंका दिया।
यहाँ तक कि विपक्षी दल एआईएडीएमके के कुछ विधायक भी निजी रूप से स्टालिन की गति और नेतृत्व क्षमता की सराहना करते देखे गए।
बीजेपी सांसदों की प्रतिक्रिया
कुछ बीजेपी सांसदों ने संसद में काली शर्ट पहनकर आए डीएमके सांसदों से मज़ाक में पूछा:
“क्या आपके सीएम स्टालिन कभी सोते नहीं हैं? आप लोग इतनी जल्दी अपडेट कैसे हो जाते हैं?”
एक वाक्य ने किया सब स्पष्ट
यह घटनाक्रम तमिल नेता दिवंगत कलाईनार करुणानिधि के उस कथन की याद दिलाता है:
“जब भी कोई मेहनत की मिसाल दे, तो वह स्टालिन होते हैं।”
मुख्यमंत्री स्टालिन हर दिन इस कथन को सच साबित करते जा रहे हैं — उनकी नीति, प्रतिबद्धता और त्वरित प्रतिक्रिया इसका प्रमाण हैं।
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